Sad Love Story in Hindi | आखरी मुलाक़ात इमोशनल लव स्टोरी

दोस्तों आज आपके लिए Heart touching sad love story in hindi लेकर आए है। हम उम्मीद करते है की आपको ये love story पसंद आएगी।  
 
 
 
Heart touching sad love story in hindi | Emotional love story in hindi
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आखिरी मुलाकात Sad love story in hindi 

 

ये love story है सुरेश और शिवानी की जिसका जन्म एक ऐसे गांव में हुआ था जिस गांव में आज भी वहा के लोग जातिप्रथा से बहार नहीं निकले है लेकिन उसी गांव में सुरेश नाम का लड़का रहता था जो जाति से दलित समाज का था। वह अपना घर चलाने के लिए बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करता था। सुरेश हमेशा बच्चों को सही राह पर चलने की सिख देता था।

शिवानी भी उसी गांव में रहती थी और वो सुरेश को अक्सर बच्चों को पढ़ाते हुए देखा करती थी। शिवानी के पिता गांव के ही मंदिर में पुजारी थे। शिवानी रोज सुबह मंदिर में पूजा करने जाया करती थी। सुरेश भी मंदिर के रास्ते से ही बच्चों को पढ़ाने जाया करता था। अक्सर दोनों एक-दूसरे को देखकर नजरे झुका लिया करते थे।

सुरेश गांव के बच्चों को एक बरगद पेड़ के नीचे पढ़ाया करता था कभी-कभी  शिवानी भी उस जगह आ जाती थी। सुरेश, शिवानी को मना भी करता था की तुम यहां पे मत आया करो अगर तुम्हारे पिता ने देख लिया तो बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। गांव में अक्सर जाति-धर्म के कारण बहसबाजी हुआ करती थी और सुरेेश इन लड़ाई-झगड़ो से दूर रहता था। 

सुरेश, शिवानी को बचपन से जानता था और वह ये जानता था कि शिवानी बहुत ज़िद्दी है। सुरेश के मना करने के बाद भी शिवानी उस बरगद पेड़ के पास आ जाया करती थी। एक दिन गांव के एक व्यक्ति ने शिवानी को सुरेश से बात करते हुए देख लिया फिर उसने ये सारी बात शिवानी के पिता को बता दिया। पिता ने अगले दिन शिवानी से कहा तुम जल्दी से तैयार हो जाओ तुम्हे देखने लड़के वाले आ रहे है। ये बात सुनकर शिवानी हैरान थी कि अचानक से उसके पिता ने ये निर्णय कैसे ले लिया।                                                       

अगले दिन शिवानी उसी बरगद पेड़ के पास जाती है जहा सुरेश बच्चों को पढ़ा रहा होता है। शिवानी ने सुरेश से कहा पापा ने मेरे लिये लड़का देखा है मेरी शादी होने वाली है। सुरेश- ये तो अच्छी बात है।  
शिवानी- लेकिन मुझे शादी नहीं करनी है मुझे यही रहना है इसी गांव में।
सुरेश- क्यों ऐसा क्या है इस गांव में जो तुम यहाँ से जाना नहीं चाहती हो।
शिवानी- क्युकी की इस गांव में पापा है और तुम हो।  इतना कहकर शिवानी वहा से चली जाती है। 


सुरेश अब समझ चुका था की शिवानी उसे पसंद करती है। सुरेश के दिल में भी शिवानी के लिए प्यार था लेकिन उसने कभी भी अपने दिल की बात शिवानी को नहीं बताया। सुरेश ने गांव की जातिवाद समस्या की वजह से अपने प्यार को दिल में ही दबाये रखा था। लेकिन जब शिवानी ने उससे कहा की उसकी शादी होने वाली है तब सुरेश की दिल की धड़कने तेज हो गई थी लेकिन उस समय सुरेश ने शिवानी के सामने ऐसे बात किया मानो जैसे कि उसे कोई फर्क ही न पड़ता हो।

 

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Heart touching sad love story in hindi 

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अब दोनों के दिल में एक – दूसरे के लिए प्यार था लेकिन उन्हें समझ में नहीं आ रहा था की अपने प्यार का इजहार कैसे करे। इधर शिवानी का रिस्ता तय हो गया अगले ही महीने उसकी शादी होने वाली थी। दो सप्ताह से सुरेश ने शिवानी को कही नहीं देखा किसी ने बताया की उसका रिस्ता तय होने के कारण अब वह घर से बाहर नहीं निकलती। सुरेश अब उसी बरगद पेड़ के पास जाकर शिवानी की पुरानी  बातो को याद करता। उसे अब कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा था। 

 

अगले सोमवार को शिवरात्रि पूजा थी। सुरेश सुबह से ही मंदिर के पास खड़ा था उसे उम्मीद था की शिवानी मंदिर जरूर आएगी और कुछ देर बाद शिवानी मंदिर आती है। सुरेश तुरंत मंदिर की गेट के पास जाकर खड़ा हो जाता है शिवानी की नजर सुरेश पे पड़ती है वह सुरेश को देखकर मायूस हो जाती है। जब शिवानी पूजा करके मंदिर से बाहर निकलती है तब सुरेश उसे मिलने का इशारा करता है। 

 

दोपहर के समय उसी बरगद पेड़ के पास दोनों मिलते है। शिवानी की नजरे सुरेश को ही देख रही थी। सुरेश अपनी नजर निचे करके कहता है शिवानी जब तुम मेरे पास रहती थी तब मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता था और न ही मुझे कुछ महसूस होता था। लेकिन आज जब तुम दूर जा रही हो तो पता नहीं मुझे अजीब सी बेचैनी हो रही है ऐसा लग रहा है मानो मेरे जीवन का कोई कीमती चीज मुझसे दूर हो रहा है। ऐसा लगता है कि मुझे तुमसे प्यार हो गया है अब मुझे समझ में नहीं आ रहा है की में क्या करू। 

सारी बाते सुनकर शिवानी की आँखों में आंसू आ गए। उसने कहा सुरेश अब तुम्ही बताव की मैं क्या करू मैं भी तुम्हे बहुत चाहती हु लेकिन कभी तुम्हे बता नहीं पायी। अब मैं कैसे रहूगी तुम्हारे बिना, मुझे तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है। 

 

अंत में सुरेश ने शिवानी से कहा की चलो हम दोनों यहाँ से कही दूर भाग के शादी कर लेते है लेकिन शिवानी ने सुरेश को मना कर दिया। क्युकी शिवानी को अपने पिता की इज्जत और गांव में उनकी मान – सम्मान सामने दिखने लगी और वो ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहती थी जिसकी वजह से उसके पिता का सिर झुके।

 शिवानी ने सुरेश से कहा की अगर मैं इस गांव से भागती हु, तो मेरे पिता का क्या होगा वह तो किसी से नजर नहीं मिला पाएंगे। इसलिए मैं भागकर शादी नहीं कर सकती। कुछ समय तक सुरेश ने भी सोचा और उसे भी शिवानी की बाते सही लगी। 

तो अब आखिर में दोनों के पास बिछड़ने के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं था। दोनों ने जी भरकर एक – दूसरे को देखा और अंत में दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया और हमेशा के लिए एक दूसरे से जुदा हो गए। 

 

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