Judai Shayari in Hindi (जुदाई शायरी) : जीवन में मिलना और बिछड़ना तो लगा रहता है लेकिन जब आपको किसी से मोहब्बत हो जाती है और जब वह इंसान किसी करना आपसे दूर चला जाये या फिर आपसे बिछड़ जाये तो जो जुदाई का दर्द होता है वह हमें रात दिन बेचैन कर देता है। ऐसे में बिछड़े वाला इंसान गूगल में जुदाई शायरी की तलाश करता है। इसलिए आज हम आपके लिए बेहतरीन Judai Shayari in Hindi, Judai Shayari Image और दर्द भरी जुदाई शायरी लेकर आये है जिसकी मदद से आप अपने फीलिंग्स को बयां कर सकते है।
है चाँद का मुँह भी उतरा उतरा,
तारों ने चमकना छोड़ दिया,
जिस दिन से जुदा वो हमसे हुए,
इस दिल ने धड़कना छोड़ दिया।
तू क्या जाने क्या है तन्हाई,
इस टूटे दिल से पूछो क्या है जुदाई,
बेवफाई का इलज़ाम न दे ज़ालिम,
वक़्त से पूछो किस वक़्त तेरी याद न आई।
उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते है,
इस तरह जुदाई का गम उठा लेते है,
किसी तरह ज़िक्र हो जाए उनका,
तो हंस कर भीगी पलके झुका लेते है।
मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था,
वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था।
जब कभी मेरे दिल को वो रिहाई देगा,
मेरे अंदर कोई तूफ़ान सुनाई देगा,
उस से मिलते ही यह एहसास हुआ था,
मुझको यही शख्स लम्बी जुदाई देगा।
Heart Touching Judai Shayari
सब के होते हुए भी तन्हाई मिलती है,
यादों में भी गम की परछाई मिलती है,
जितनी भी दुआ करते हैं किसी को पाने की,
उतनी ही ज्यादा जुदाई मिलती है।
कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ,
गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ,
रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू,
मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ।
जुदा भी हो के वो एक पल कभी जुदा न हुआ,
ये और बात है कि देखे उसे कई ज़माना हुआ।
कोई वादा नहीं फिर भी इंतज़ार है,
जुदाई के बावजूद भी हमें तुझसे प्यार है,
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही,
मुझसे बिछड़ कर तू भी बेकरार है।
अकेलापन जुदाई शायरी
हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते,
मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते,
कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो,
जो लहरों में तो डूबे हैं, मगर संग बह नहीं सकत।
तमन्ना इश्क की तो हम भी रखते हैं,
हम ही किसी के दिल में धड़कते हैं,
मिलना चाहते तो बहुत हैं हम आपसे,
पर मिलने के बाद जुदाई से डरते हैं।
उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ,
अब क्या कहें ये क़िस्सा पुराना बहुत हुआ।
भले लाख कर लूँ कोशिश भी मगर,
दिल की बात कही न जाएगी मुझसे,
ऐ मेरे हमदम न होना जुदा कभी,
तेरी जुदाई न सही जाएगी मुझसे।
Dard Bhari Judai Shayari
आपकी आहट दिल को बेकरार करती है,
नज़र तलाश आपको बार-बार करती है,
गिला नहीं जो हम हैं इतने दूर आपसे,
हमारी तो जुदाई भी आपसे प्यार करती है।
याद में तेरी आहें भरता है कोई,
हर सांस के साथ तुझे याद करता है कोई,
मौत सच्चाई है एक रोज आनी है,
लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज़ मरता है कोई।
बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है,
उसे गले से लगाए ज़माना हो गया है।
हमने प्यार नहीं इश्क नहीं इबादत की है,
रस्मों से रिवाजों से बगावत की है,
माँगा था हमने जिसे अपनी दुआओं में,
उसी ने मुझसे जुदा होने की चाहत की है।
Hindi Judai Shayari
तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है,
एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है,
पहले नही सोचा था पर अब सोचने लगे है,
जिंदगी के हर लम्हों में तेरी ज़रूरत सी लगती है।
उसकी जुदाई में आज यादें तड़पाती हैं,
याद में उसकी अब तो रातें गुजर जाती हैं,
कभी नींद नहीं आती है आँखों में,
तो कभी नींद से आँखें ही मुकर जाती हैं।
नया इश्क़ का रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम,
अगर बिछड़ना ही है तो झगड़ा क्यूँ करें हम।
हर मुलाक़ात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ,
हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ,
सुनी थी सिर्फ लोगों से जुदाई की बातें,
खुद पर बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ।
दर्दे मोहब्बत दर्दे जुदाई शायरी
वफ़ा की ज़ंज़ीर से डर लगता है,
कुछ अपनी तक़दीर से डर लगता है,
जो मुझे तुझसे जुदा करती है,
हाथ की उस लकीर से डर लगता है।
कैसे मिलेंगे हमें चाहने वाले बताइये,
दुनिया खड़ी है राह में दीवार की तरह,
वो बेवफ़ाई करके भी शर्मिंदा ना हुए,
सजा मिली है हमें गुनहगार की तरह।
इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की,
आज पहली बार उस से मैंने बेवफ़ाई की।
आओ किसी शब मुझे टूट के बिखरता देखो,
मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो,
किस किस अदा से तुझे माँगा है खुदा से,
आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो।
जुदाई शायरी इन हिंदी
मजबूरी में जब कोई किसी से जुदा होता है,
ये तो ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है,
देकर वो आपकी आँखों में जुदाई के आँसू,
तन्हाई में वो आपसे भी ज्यादा रोता है।
इन दूरियों को जुदाई मत कहना,
इन खामोशियों को रुसवाई मत कहना,
हर मोड़ पर याद करेंगे आपको,
ज़िन्दगी में साथ नहीं दिया तो बेवफाई मत कहना।
बिछड़ गए तो ये दिल उम्र भर लगेगा नहीं,
लगेगा लगने लगा है मगर लगेगा नहीं।
आओ किसी रोज मुझे टूट के बिखरता देखो,
मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो,
किस किस अदा से तुझे मागा है खुदा से,
आओ कभी मुझे सजदो में सिसकता देखो।
हर एक बात पर वक़्त का तकाजा हुआ,
हर एक याद पर दिल का दर्द ताजा हुआ,
सुना करते थे ग़ज़लों में जुदाई की बातें,
खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ।
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद मैं
आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद,
मोहब्बत थी मुझे बेइंतेहा तुझसे,
लेकिन ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद।
कट ही गई जुदाई भी कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे भी दिन गुजर गए मेरे भी दिन गुजर गए।
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