Top 10 Meraj Faizabadi Shayari | मेराज फैज़ाबादी की मशहूर शायरियां

दोस्तों आज हम आपके सामने Meraj Faizabadi Shayari लेकर आए है। मेराज फैज़ाबादी एक ऐसे शायर थे जिसकी शायरी सीधा लोगों के दिलों-दिमाग में उतर जाता था। फैजाबाद के एक छोटे से गाँव “कोला –शरीफ़ ” में जन्में मेराज फैज़ाबादी का वास्तविक नाम “मेराजुल हक़” था। इनके पिता का नाम “सिराजुल हक़” था। लेकिन किसी को क्या मालूम था कि यह एक छोटा सा बच्चा एक दिन पूरें विश्व में मेराज फैज़ाबादी बनकर फैज़ाबाद और भारत का नाम रोशन करेगा। 

मेराजुल हक़ ने 1962 में लखनऊ विश्वविद्यालय से अपनी B.Sc की डिग्री हासिल किया था। इनके तीन गज़ल-संग्रह – ‘नामूश’ , ‘थोड़ा सा चन्दन’ और ‘बेख्वाब साअते’ प्रकाशित हुए। भारत के साथ-साथ पूरें विश्व में जहा भी हिंदी-उर्दू बोली और सुनी जाती है वहाँ मेराज फैज़ाबादी के शेर कहे और सुने गए। मेराज फैज़ाबादी का इंतकाल नवम्बर 2013 को लखनऊ में हुआ।

 

 

झील आँखों को न होंठों को कमल कहते हैं,
हम तो जख्मों की नुमाइश को ग़ज़ल कहते हैं।
Jheel aankhon ko na hothon ko kamal kahte hai,
hum to jakhmo ki numaish ko gazal kahte hai.

 

Meraj Faizabadi Shayari in Hindi

Meraj Faizabadi Shayari

मेरे अल्फाज का यह शीश महल सच हो जाए,
मैं तेरा जिक्र करूं मेरी गजल सच हो जाए,
ज़िन्दगी भर तो कोई झूठ जीया है मैंने,
तू जो आ जाये तो यह आख़िरी पल सच हो जाए।
Mere alfaaz ka yah sheesh mahal sach ho jaaye,
main tera zikr karu meri gazal sach ho jaaye,
zindagi bhar to koi jhooth jiya hai maine,
tu jo aa jaaye to yah aakhiri pal sach ho jaaye.

 

ऐ यकीनों के ख़ुदा शहरे गुमां किसका है,
नूर तेरा है चरागों में धुआं किसका है।
Ye yakino ke khuda shahar guma kiska hai,
noor tera hai charago mein dhuaan kiska hai.

 

एक टूटी हुई जंजीर की फ़रियाद है हम,
और दुनिया समझती है की आजाद है हम,
हमको इस दौर की तारीख ने दिया क्या ‘मेराज’,
कल भी बर्बाद थे आज भी बर्बाद है हम।
Ek tooti hui janjeer ki fariyaad hai hum,
aur duniya samajhti hai ki azaad hai hum,
humko is daur ki tarikh ne diya kya ‘Meraj’,
kal bhi barbaad the aaj bhi barbaad hai hum.

 

आँख और ख्वाब में एक रात की दूरी रखना,
ऐ मुसव्विर मेरी तस्वीर अधूरी रखना,
अब के तख़लीक़ जो करना कोई रिश्तों का निज़ाम,
दुश्मनी के भी कुछ आदाब ज़रूरी रखना।
Aankh aur khwaab mein ek raat ki doori rakhna,
ye musvveer meri tasveer adhuri rakhna,
ab ke takhleeq jo karna koi rishto ka nizaam,
dushmani ke bhi kuch adaab jaruri rakhna. 

 

Heart Touching Meraj Faizabadi Shayari

Meraj Faizabadi Shayari

मुहब्बत को मेरी पहचान कर दे,
मेरे मौला मुझे इंसान कर दे,
मुहब्बत, प्यार, रिश्ते, भाईचारा,
हमारे दिल को हिंदुस्तान कर दे।
Muhabbat ko meri pahchaan karde,
mere maula mujhe insaan kar de,
muhabbat, pyar, rishte, bhaichara,
hamare dil ko hindustan kar de.

 

सुना है बंद कर लीं उसने आँखें,
कई रातों से वो सोया नहीं था।
Suna hai band kar li usne aankhe,
kai raaton se wo soya nahi tha.

 

हमारी नफरतों की आग में सब कुछ न जल जाए,
कि इस बस्ती में हम दोनों को आइन्दा भी रहना है,
मना ले कुछ देर जश्न दुश्मन की तबाही का,
फिर उसके बाद सारी उम्र शर्मिंदा भी रहना है।
Hamari nafraton ki aag mein sab kuch na jal jaaye,
ki is basti mein hum dono ko aainda bhi rahna hai,
fir uske baad saari umar sharminda bhi rahna hai.

 

पढ़ाओं न रिश्तों की कोई किताब मुझे,
पढ़ी है बाप के चेहरे की झुर्रियां मैंने।
Padhaao na rishto ki koi kitaab mujhe,
padhi hai baap ke chehre ki jhuriyan maine.

 

बढ़ गया था प्यास का अहसास दरिया देखकर,
हम पलट आए मगर पानी को प्यासा देखकर,
खुदखुशी लिखी थी एक बेवा के चेहरे पर मगर,
फिर वो जिन्दा हो गयी बच्चे बिलखता देखकर।
Badh gaya tha pyas ka ahasas dariya dekhkar,
hum palat aaye magar paani ko pyasa dekhkar,
khudkhushi likhi thi ek bewa ke chehre par magar,
fir wo zinda ho gayi bachche bilakhta dekhkar.

 

Zubair Ali Tabish Shayari

 

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