मेरे जज्बातों का कोई तो सिला दो, कभी घर बुला के चाय तो पिला दो।

जब सुबह तेरे प्यार के नग्में को गुनगुनाता हूं, लब मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूं।

ठण्ड का मौसम हो और किसी की यादे हो सीने में, फिर ऐसे मौसम में मजा आता है गर्मा गरम चाय पीने में।

किसको बोलूँ हेलो और किसको बोलू हाय, हर टेंशन की एक ही दवा है अदरक वाली चाय।

भाड़ में जाए ये दुनियादारी, सबसे प्यारी चाय हमारी।

मिलों कभी चाय पर फिर हम कोई किस्से बुनेंगे, तुम खामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे।

ना पूछो रिश्ता कैसा चाय से बन गया है, बेहद उम्दा और लाजवाब बन गया है।

चाय की चुस्की के साथ, अक्सर कुछ गम भी पीता हूं, मिठास कम है जिंदगी में, मगर जिंदादिली से जीता हूँ।

सभी सिसकियों की हाय लाया हूं, अहल-ए-गम बैठों देखो मैं चाय लाया हूं।

ना इश्क ना कोई राय चाहिए, सर्द मौसम है बस चाय चाहिए।