आओ कुछ इस तरह से बात करते है, एक दुसरे के दिल का घाव भरते है।

मोहब्बत का कोई कसूर नहीं, उसे तो मुझसे रूठना ही था, दिल मेरा शीशे सा साफ़ और, शीशे का अंजाम तो टूटना ही था।

बहुत हो गया अब रूठना और मनाना, चलो दोबारा से शुरुआत करते हैं, भुलाके सारी गलतफहमियो को, चलो बात करने का आगाज करते हैं।

मेरी पलकों की नमी इस बात की गवाह है, मुझे आज भी तुमसे मोहब्बत बेपनाह है।

कैसी नाराजगी अब तो बात करलो, ये धड़कन मेरी दस्तक दे रही है, तू मुझसे अब दूर हो रहा है, ये मेरी रूह ये मुझसे कह रही है।

जब भी हो फुरसत तो मन की बात कह दीजिये, कुछ पल ही सही हमसे बात कर लीजिए।

नाराज़ क्यों हो और किस बात पे हो हमसे रूठे, अच्छा लो मान लिया तुम सच्चे और हम झूठे, माना ग़ुस्सा हो पर इतना ग़ुस्सा भी नहीं होते, अब मान भी जाओ कब से तुम हो हमसे रूठे।

वक़्त मिले तो याद करते हो, दिल करे तो बात करते हो, पहले हमारे बिना एक पल नहीं रह पाते थे, और अब ज़माने बाद तुम हमें याद करते हो।