तेरे बिना ज़िंदगी अधूरी है मेरी, तुम मिल जाओ तो ज़िंदगी पूरी है मेरी, तुझसे ही ज़िंदगी की सारी खुशिया जुड़ी है, दुसरो के साथ हसना तो मज़बूरी है मेरी।

मेरे गीत सुने है दुनिया वालों ने, लेकिन मेरा दर्द कोई जान ना सका, एक तेरा ही तो सहारा था दिल को, पर तू भी मुझे पहचान ना सका।

चाहा ना उसने मुझे बस देखता रहा, मेरी ज़िंदगी से वो इस तरह खेलता रहा, ना उतरा कभी वो मेरी ज़िंदगी की झील में, बस किनारे पर बैठ कर पत्थर फेंकता रहा।

आरजू नहीं की ग़म का तूफान टल जाए, फ़िक्र तो ये है की तेरा दिल न बदल जाए, भुलाना हो अगर मुझको तो एक एहसान करना, दर्द इतना देना कि मेरी जान निकल जाए।

ये मोहब्बत के हादसे अक्सर, दिलों को तोड़ देते हैं, तुम मंजिल की बात करते हो, लोग बीच राहों में ही साथ छोड़ देते हैं।

ये मोहब्बत के हादसे अक्सर, दिलों को तोड़ देते हैं, तुम मंजिल की बात करते हो, लोग बीच राहों में ही साथ छोड़ देते हैं।

दर्द बनकर दिल में छुपा कौन है, रह रह कर इसमें चुभता कौन है, एक तरफ दिल है और एक तरफ आइना, देखते है इस बार पहले टूटता कौन है।

रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है, ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है।

हमारे बिना तुम अधूरे रहोगे, कभी चाहा किसी ने ये खुद तुम कहोगे, हम ना होंगे तो ये आलम भी ना होगा, मिलेंगे बहुत पर हम सा कोई पागल ना होगा।

हंसते हुए अब जख्मों को भूलाने लगे हैं, हर दर्द के निशान को हम मिटाने लगे हैं।