ना जाने ये कैसा तरीका है तुम्हारा प्यार करने का, की तुम्हारा मन ही नहीं करता हमसे बात करने का।

एक वक्त था जब बाते ही खत्म नहीं होती थी, अब ना जाने क्या हो गया कि बात ही नहीं होती।

किस्मत बुरी या मैं बुरा यह फैसला ना हो सका, मैं हर किसी का हो गया पर कोई मेरा ना हो सका।

कई रातो के बाद आज वो रात आई है, मेरे महबूब ने बात ना करने की कसम खाई है।

दिल का हाल बताना नहीं आता, किसी को ऐसे तड़पना नहीं आता, सुनना चाहते है आपकी आवाज़ को, मगर बात करने का बहाना नहीं आता।

हिचकियाँ कहती हैं कि तुम हमे याद करते हो, पर सच ये है कि आज भी तुम बात नहीं करते हो।

मुझे तुमसे बात ही नहीं करनी, ऐसा कहकर वो कॉल काट देते हैं, मैं मनाऊं उनको ऐसा सोचकर, वो मेरी कॉल का इंतेजार करते हैं।

तेरे मेरे दरमियां जो बात थी, उसमें अब दूरियां आने लगी है, गमो के बादल इस कदर छाए, आंसुओ की बरसात होने लगी है।